विद्यालय में मनाया गया सामाजिक समरसता का पर्व मकर संक्रांति

13 जनवरी 2024, मथुरा: आज बाबू दाऊदयाल एडवोकेट सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ने अपने प्रधानाचार्य श्री बालकिशन अग्रवाल और संयोजिका हंसा रानी के नेतृत्व में मकर संक्रांति के इस पवित्र दिन को सामाजिक समरसता के रूप में मनाया। खिचड़ी महोत्सव के तहत विद्यालय के छात्र भैया और बहनों ने एक साथ खिचड़ी , जिससे समरसता का संदेश समाज में बढ़ावा मिला।

  • मकर संक्रांति पर बाबू दाऊदयाल एडवोकेट सरस्वती विद्या मंदिर में सामाजिक समरसता का धूमधाम सा महोत्सव
  • मकर संक्रांति पर बाबू दाऊदयाल एडवोकेट सरस्वती विद्या मंदिर में सामाजिक समरसता का धूमधाम सा महोत्सव
  • मकर संक्रांति पर बाबू दाऊदयाल एडवोकेट सरस्वती विद्या मंदिर में सामाजिक समरसता का धूमधाम सा महोत्सव
  • मकर संक्रांति पर बाबू दाऊदयाल एडवोकेट सरस्वती विद्या मंदिर में सामाजिक समरसता का धूमधाम सा महोत्सव

इस खास मौके पर, विद्यालय के छात्र धान की मुट्ठियों के साथ आए, दसवीं के छात्र ने एक मुट्ठी दाल के साथ योगदान किया, ग्यारहवीं के छात्र ने दो आलू और एक टमाटर साथ लाए, और बारहवीं के छात्र ने गोभी, गाजर, और मटर के साथ योगदान किया। प्रत्येक आचार्य और आचार्या ने भी रेवड़ी, पापड़, और अन्य सामान के साथ योगदान किया, जिससे सामाजिक समरसता का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत हुआ।

खिचड़ी बनाने का कार्य विद्यालय के प्रमुख द्वारा किया गया और इसे गणेश जी को भोग लगाने के लिए समर्पित किया गया। प्रधानाचार्य श्री बालकिशन अग्रवाल ने बताया कि ऐसे सामाजिक समरसता के कार्यक्रम से छात्रों में सहयोग, समानता, और समरसता की भावना जागृत होती है, जिससे एक अद्भुत समाज का निर्माण हो सकता है।

खिचड़ी महोत्सव में सभी छात्र भैया-बहनों ने एक साथ सहभोज किया, जो एक एक मुट्ठी से आए अनाजों से तैयार किया गया था। विद्यालय के प्रबंधक श्री हर्ष कुमार अग्रवाल ने सभी को खिचड़ी महोत्सव की शुभकामना दी और समरसता के महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर बातचीत की।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर कार्यवाह विजय बँटा, भाग संघ चालक राकेश शर्मा, नगर कार्यवाह अजय शर्मा, प्रदीप अग्रवाल, राजकुमार जी, समीर बंसल जैसे समाज के अन्य बंधु भी शामिल हुए और समरसता के संदेश को सार्वजनिक किया। खिचड़ी का प्रसाद जनमानस में बाँटा गया और समरसता की भावना ने सभी को आपसी सम्बंधों को मजबूत करने का संदेश दिया।

इस सामाजिक समरसता के महोत्सव के जरिए, विद्यालय ने एक नई परंपरा बनाई है जिसमें छात्र भैया-बहन आपस में मिलकर समरसता की भावना को मजबूती से महसूस कर रहे हैं। इसके साथ ही, विद्यालय ने समाज में भी एक ऐसा परिवर्तन लाने का प्रयास किया है जो सामाजिक साकारात्मकता और समरसता को बढ़ावा देगा। धन्यवाद!

Author

  • Mayank Agrawal

    Mayank Agrawal is a passionate blogger, web developer, and Android developer with a knack for storytelling and building user-friendly experiences. He enjoys weaving words into engaging narratives for his blog and crafting intuitive web and mobile applications that users love. While his skills encompass both front-end and back-end development, his true passion lies in crafting engaging Android applications that solve real-world problems and improve people's lives.

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