दिवाली 2023: दिवाली दीपावली के नाम से भी जाना जाने वाला एक सामाजिक-सांस्कृतिक त्योहार है। यह शब्द संस्कृत के शब्द दीपा , “दीपक, रोशनी, लालटेन, मोमबत्ती, जो चमकता है, चमकता है, रोशनी या ज्ञान देता है” और अवलि , “एक पंक्ति, सीमा, निरंतर रेखा, श्रृंखला” से लिया गया है।
दीपावली का त्योहार हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह प्रकाश का पर्व है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत, धन और समृद्धि के आगमन, और नए साल की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है।
दिवाली 2023 तिथि और मुहर्त
दिवाली 2023 भारत में 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और 13 नवंबर, सोमवार को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक रहेगी।
दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 40 मिनट से शाम 7 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से रात 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
दिवाली के सभी 5 दिनों के त्योहार
दिवाली एक पांच दिवसीय त्योहार है, जिसे धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।
- धनतेरस: धनतेरस दिवाली से पहले का दिन है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है।
- नरक चतुर्दशी: नरक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था।
- दीपावली: दीपावली दिवाली का मुख्य दिन है। इस दिन घरों को दीयों, रंगीन लाइटों, और फूलों से सजाया जाता है। और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
- गोवर्धन पूजा: गोवर्धन पूजा दिवाली के दूसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र देव को अपने हाथों से गोवर्धन पर्वत उठाया था।
- भाई दूज: भाई दूज दिवाली के तीसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं और उन्हें तिलक लगाती हैं।
दिवाली पर पूजा का सही समय और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
दिवाली पर पूजा का सही समय शाम 5 बजकर 40 मिनट से शाम 7 बजकर 36 मिनट तक है। इस मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
दिवाली पर पूजा करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पूजा स्थल को साफ-सुथरा कर लें।
- पूजा की सभी सामग्री पहले से तैयार कर लें।
- पूजा करते समय धूप, दीप, और गंध का प्रयोग करें।
- मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा में मोदक, लड्ड
दिवाली पर क्या करें और क्या न करें
दिवाली पर करें
- घरों को दीयों, रंगीन लाइटों, और फूलों से सजाएं।
- मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें।
- मिठाई और व्यंजन बनाएं और अपने प्रियजनों को खिलाएं।
- नए कपड़े पहनें और दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलें।
- गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।
दिवाली पर न करें
- पटाखे न जलाएं।
- शराब और मांस का सेवन न करें।
- जुआ न खेलें।
- कलह और लड़ाई-झगड़ा न करें।
दिवाली का महत्व
दिवाली का त्योहार प्रकाश का पर्व है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत, धन और समृद्धि के आगमन, और नए साल की शुरुआत का भी प्रतीक है।
दिवाली का त्योहार हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए और बुराइयों से दूर रहना चाहिए। यह हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने प्रियजनों के साथ खुशियां साझा करनी चाहिए और समाज में जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।