जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की खूबसूरत और शांत वादियां, बर्फ से ढके पहाड़, पीढ़ियों से कवियों, कलाकारों और हर भारतीय के दिल को मंत्रमुग्ध करते रहे हैं। लेकिन पिछले कई दशकों से जम्मू-कश्मीर के अनेक स्थानो पर ऐसी हिंसा और अस्थिरता देखी गई, जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती। वहां के हालात कुछ ऐसे थे, जिससे जम्मू-कश्मीर के परिश्रमी, प्रकृति प्रेमी और स्नेह से भरे लोगों को कभी भी रू-ब-रू नहीं होना चाहिए था।
अनुच्छेद 370 और 35 (ए) के प्रभाव:
अनुच्छेद 370 और 35 (ए) जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के सामने बड़ी बाधाओं की तरह थे। ये अनुच्छेद एक अटूट दीवार की तरह थे तथा गरीब,वंचित, दलितों-पिछड़ों-महिलाओं के लिए पीड़ादायक थे। अनुच्छेद 370 और 35(ए) के कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों को वह अधिकार और विकास कभी नहीं मिल पाया, जो उनके साथी देशवासियों को मिला। इन अनुच्छेदों के कारण, एक ही राष्ट्र के लोगों के बीच दूरियां पैदा हो गईं।
मोदी सरकार की पहल:
एक कार्यकर्ता के रूप में, जिसने पिछले कई दशकों से इस मुद्दे को करीब से देखा हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे की बारीकियों और जटिलताओं से भली-भांति परिचित थे। वे एक बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट थे- जम्मू-कश्मीर के लोग विकास चाहते हैं तथा वे अपनी ताकत और कौशल के आधार पर भारत के विकास में योगदान देना चाहते हैं। वे अपने बच्चों के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता चाहते हैं, एक ऐसा जीवन जो हिंसा और अनिश्चितता से मुक्त हो।
इस प्रकार, जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करते समय, मोदी सरकार ने तीन बातों को प्रमुखता दी- नागरिकों की चिंताओं को समझना, सरकार के कार्यों के माध्यम से आपसी-विश्वास का निर्माण करना तथा विकास, निरंतर विकास को प्राथमिकता देना।
अनुच्छेद 370 और 35 (ए) का निरस्तीकरण:
2019 में, मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को निरस्त करने का फैसला किया। इस फैसले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को भारत की मुख्यधारा में लाना और वहां के लोगों को समान अधिकार और विकास के अवसर प्रदान करना था।
अनुच्छेद 370 और 35 (ए) के निरस्तीकरण के बाद जम्मू और कश्मीर में विकास:
अनुच्छेद 370 और 35 (ए) के निरस्तीकरण के बाद जम्मू और कश्मीर में विकास की गति तेज हो गई है। इस अवधि में, निम्नलिखित क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है:
- बुनियादी ढांचा: जम्मू और कश्मीर में सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है।
- रोजगार: जम्मू और कश्मीर में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है।
- पर्यटन: जम्मू और कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- शिक्षा: जम्मू और कश्मीर में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है।
- स्वास्थ्य सेवा: जम्मू और कश्मीर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है।
अनुच्छेद 370 और 35 (ए) के निरस्तीकरण के चार साल बाद, जम्मू और कश्मीर में विकास की कहानी स्पष्ट है। इस अवधि में, जम्मू और कश्मीर में शांति और स्थिरता लौटी है। लोगों को समान अधिकार और विकास के अवसर मिल रहे हैं